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जमादी'उल अव्वल और जमादि'उल'आख़िर / सानी के महीने
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तरीक़ा : चार रक्'अत नमाज़ पढ़ें (२ रक्'अत X २) : जैसा निचे लिखा है :
पहली रक्'अत
- अल'हम्द की सुराः के बाद एक मर्तबा आयतल कुर्सी पढ़ें और फिर २५ बार सुराः अल'क़द्र की तिलावत करेंदूसरी रक्'अत
- अल'हम्द की सुराः के बाद एक मर्तबा सुराः अत'तखातुर पढ़ें और फिर २५ बार सुराः अल'इख्लास की तिलावत करेंअब सलाम फेरें और फिर बाक़ी की दो रक्'अत के लिये खड़े हो जाएँ
तीसरी रक्'अत
- अल'हम्द की सुराः के बाद एक मर्तबा सुराः अल'काफेरून पढ़ें और फिर २५ बार सुराः अल'फलक की तिलावत करेंचौथी रक्'अत
- अल'हम्द की सुराः के बाद एक मर्तबा सुराः अन'नसर पढ़ें और फिर २५ बार सुराः नास की तिलावत करेंनमाज़ के बाद नीचे लिखी हुई तस्बीहात पढ़ें :
१. तस्बीहात अरबा - 70 मर्तबा |
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सुबहान अल्लाहे वल'हम्दो लील'लाहे व ला इलाहा इलल'लाहो वल'लाहो अकबर |
سُبْحَانَ اللَّهِ وَ الْحَمْدُ لِلَّهِ وَ لاَ إِلَهَ إِلاَّ اللَّهُ وَ اللَّهُ أَكْبَرُ |
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२. सलवात - 70 मर्तबा पढ़ें |
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अल्ला'हुम्मा सल्ले अला मोहम्मदीन व अले मोहम्मद |
للَّهُمَّ صَلِّ عَلَى مُحَمَّدٍ وَ آلِ مُحَمَّدٍا |
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३. फिर 3 मर्तबा पढ़ें |
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अल्लाहुम'मग़'फ़िर'लील मोमिनीना वल मोमिनात |
اللَّهُمَّ اغْفِرْ لِلْمُؤْمِنِينَ وَ الْمُؤْمِنَاتِ |
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४. अब सजदह में जाएँ और पढ़ें |
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या हय्यु या क़य्यूम, या ज़ुल'जलाले वल इकराम, या अल्लाहो या रहमान, या रहीमो या अर्हमर-राहेमीन, सुबहान अल्लाहे वल'हम्दो लील'लाहे व ला इलाहा इलल'लाहो वल'लाहो अकबर अल्ला'हुम्मा सल्ले अला मोहम्मदीन व अले मोहम्मद
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يَا حَيُّ يَا قَيُّومُ يَا ذَا الْجَلاَلِ وَ الْإِكْرَامِ يَا اللَّهُ يَا رَحْمَانُ يَا رَحِيمُ يَا أَرْحَمَ الرَّاحِمِينَ سُبْحَانَ اللَّهِ وَ الْحَمْدُ لِلَّهِ وَ لاَ إِلَهَ إِلاَّ اللَّهُ وَ اللَّهُ أَكْبَرُ اللَّهُمَّ صَلِّ عَلَى مُحَمَّدٍ وَ آلِ مُحَمَّدٍ |
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