अल-सहीफ़ा अल-अलविया ईमाम अली (अ:स) की दुआओं का सहीफ़ा
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ईमाम अली पर लेख और उनके विशेष ख़ुत्बे अलिफ़ और नुक़ते (दौट्स) के बगैरNew
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अल्लाह की हम्दो-सीना - जो मशहूर है "दुआए यस्ताशीर" के नाम से |
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हर मुश्किल और परेशानी से बचने के लिये अल्लाह की तारीफ और उसकी रहमानियत के लिये इनकी दुआ |
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अल्लाह की तारीफ़ में इनकी दुआ जो ओवैस कर्नी क़ो सिखाई थी और यह "दुआए ओवैस कर्नी" के नाम से मशहूर हुई |
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पैग़म्बर मोहम्मद (स:अ:व:व) के नाम क़ो दर्शित करती हुई उनकी दुआ |
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रमज़ान का चाँद देखे जाने पर क़िबला की तरफ़ मुंह करके पढ़ी जाने वाली इनकी दुआ |
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इनकी वो दुआ जो ज़िल'हिज्ज के महीने में 10 दिन तक पढ़ी जाती है |
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अल्लाह से नज़दीकी और अपनी ज़रूरतों क़ो पूरा करने के लिये इनकी दुआ |
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परेशानियों क़ो दूर करने के लिये इनकी दुआ जो "दुआए यमन" के नाम से मशहूर है |
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दुश्मनों पर लानत/अभिशाप भेजने की दुआ जो वो 2 रक्'अत नमाज़ के बाद पढ़ते थे |
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उनकी सिफ्फिन के जंग में उस वक़्त की दुआ जब उन्होंने लोगों क़ो बुलाया और लोगों ने उनकी न सुनी |
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उनकी उस नमाज़ के बाद की दुआ जो रक्'अत होती थी और जिसमें सुराः हम्द के बाद सुराः यासीन पढ़ते थे |
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उनकी उस वक़्त की दुआ जब वो वुज़ू के लिये दायें हाथ से बाएं हाथ पर पानी डालते थे |
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उनकी उस वक़्त की दुआ जब वो मस्जिद में दाख़िल होते थे और नमाज़ से पहले पढ़ते थे |
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उनकी उस वक़्त की दुआ जब वो नमाज़े शब् की 8 रक्'अत पूरी कर लेते थे |
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उनकी दुआ - जब अल्लाह (स:व:त) का शुक्र अदा करने के लिये सजदे में हों |
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उनकी दुआ - जब अल्लाह (स:व:त) का शुक्र अदा करने के लिये सजदे में हों |
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ईमाम अली (अ:स) की दूसरी मुख्य दुआएं :- |
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